शनि मुद्रिका अवसाद अकेलापन और रोग
Ring Of Saturn
अंगुलियों के मूल्य में अर्धवृत्ताकार अंकित रेखाएं मुद्रिका रेखाएं कहलाती है उसमें से आज हम बात करेंगे शनि मुद्रिका के बारे में शनि मुद्रिका मध्यमा अंगुली के मूल को वृत्ताकार अर्धचंद्राकार गहरे में बंद करती है यह रेखा अधिकतर उन जातकों के हाथ में पाई जाती है जो अपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं हत्यारे अथवा कैदी होते हैं।
इसके अलावा यह रेखा उन जातको के हाथ में भी उपस्थित होती है जो जातक जघन्य आपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं। या वह जातक जो आत्महत्या करने की सोचते हैं इसीलिए यह शनि मुद्रिका अशुभ एवं दुर्भाग्य सूचक है।
1. यह दुर्भाग्य सूचक होता।
2.ऐसे व्यक्ति कुण्ठा ग्रस्त हो सकते हैं।
3.यह जिन मनोरोगियों अर्थात मानसिक रोगियों के हाथ में देखा जाता है।
4.ऐसे व्यक्ति अकेलेपन के कारण आत्महत्या भी कर सकते हैं।
2.ऐसे व्यक्ति कुण्ठा ग्रस्त हो सकते हैं।
3.यह जिन मनोरोगियों अर्थात मानसिक रोगियों के हाथ में देखा जाता है।
4.ऐसे व्यक्ति अकेलेपन के कारण आत्महत्या भी कर सकते हैं।
भाग्य रेखा को आगे बढ़ने से रोके
शनी क्षेत्र भाग्य और कार्य सिद्धि का क्षेत्र है और यदि भाग्य रेखा इस क्षेत्र को पार करते हुए मध्यमा के मूल स्थान तक जाने का प्रयास करती है और यदि शनि मुद्रिका जब भाग्य रेखा को आगे बढ़ने से रोके तो मनुष्य का संपूर्ण जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
इस दोष के कारण मिलने वाली असफलताएं व्यक्ति को आपराधिक प्रवृतियों की ओर धकेलती है यह व्यक्ति बहुत काम तो बहुत मेहनत के साथ करते हैं ।किंतु फिर भी यह चिन्ह उन्हें दुर्भाग्य प्रदान करता है।
दुर्भाग्यवश इन जातकों के सभी कार्य असफल होते रहते हैं जीवन में असफलता तथा कलंक के अलावा इन जातकों और कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।
चंद्र क्षेत्र से आने वाली भाग्य रेखा
यदि चंद्र क्षेत्र से आने वाली भाग्य रेखा को शनि वलय रोकता है तथा हाथ पीला एवं पिलपिला व कमजोर हो तो वह व्यक्ति आत्महत्या भी कर सकता है।
यदि मंगलउठा हुआ हो
यदि मंगल क्षेत्र उठा हुआ हो हथेली लाल हो और कठोर हो और मस्तिष्क रेखा हृदय रेखा में घुस गई हो तो ऐसे जातकों को जीवन में घोर असफलताएं मिलती है जिस कारण वह आत्महत्या करने की ओर प्रेरित होते हैं या ऐसे जातक हत्यारे भी बन सकते हैं।
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