Friday 2 March 2018

विवाह रेखा marriage line in palm

             विवाह रेखा अर्थात जीवनसाथी से अनुराग
                     marriage line in palm

Marriage line


:- स्त्री पुरुष दोनों ही जीवन में विवाह के पश्चात एक नया अध्याय शुरू करते हैं यह एक नया जीवन प्रारंभ करते हैं ।


:- विवाह रेखा का यह आशय से नहीं होता है ,कि विवाह होगा कि यह केवल स्त्री पुरुष में कैसा संबंध रहेगा यह सूचित करती है ।

:- विवाह के विषय में अन्य रेखाओं और ग्रहो पर दृष्टि डाली जानी चाहिए ।

:- (1)यह बुध पर्वत के समीप बुध तथा हृदय रेखा के बीच में स्थित होती है ।

:- (2) कनिष्टिका के नजदीक हो तो विवाह में देरी,

:-(3) ह्रदय रेखा के पास हो तो कम उम्र में विवाह होता है ।

:- पतली  एवं स्पष्ट विवाह रेखा सुखी जीवन का प्रतीक मानी गई है ।

:- ह्रदय रेखा के समीप हो तो :=
                 यदि ह्रदय रेखा के समीप विवाह रेखा हो तो ऐसे जातकों का 14 से 18 वर्ष की उम्र में विवाह होता है अथवा  वह प्रेम संबंध भी हो सकता है ।
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:-कनिष्टिका और हृदय रेखा के बीच में :=
                         यदि कनिष्ठिका और ह्रदय रेखा के बीच में विवाह रेखा हो तो ऐसे जातकों का विवाह 21 से 27 वर्ष की उम्र में होता है ।


:-कनिष्टिका के पास हो तो :=
                               यदि विवाह रेखा कनिष्टिका के नजदीक हो तो ऐसे जातकों का विवाह 28 से 35 वर्ष की उम्र में होता है अर्थात विलंब से होता है ।
:-ह्रदय रेखा की और झुकी विवाह रेखा:=
  यदि विवाह रेखा हृदय रेखा की तरफ झुकी हुई हो तो पत्नी तथा पति के मध्य वियोग कलह पैदा हो सकता है या दोनों अलग अलग रहने लग जाते हैं ।


:-विवाह रेखा हृदय रेखा को काटे तो :=
                  यदि विवाह रेखा हृदय रेखा को काटे तो ऐसे जातकों का जीवनसाथी की मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट प्राप्त होने के संकेत होते हैं, इसी के साथ यदि   दो विवाह रेखा हो तो पुनर्विवाह होने के योग होते हैं तथा सुख पूर्वक जीवन व्यतीत होता  है ।


:-द्वीप युक्त विवाह रेखा :=
यदि किसी जातक के विवाह रेखा के मध्य द्वीप या यव(जौ) बन रहा हो तो यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण होती है यह दुर्भाग्य का सूचक होती है ,ऐसे जातकों को अपने जीवन में धोखेबाजी से विवाह होने के संकेत होते हैं, तथा अपने वैवाहिक जीवन में आगे भी यह जातक कष्ट सहन करते हैं ,और यदि यह रेखा आगे जाकर स्पष्ट हो तो विवाह सुख पूर्वक व्यतीत होता है, सुख पूर्वक जीवन निर्वाह होता है ।

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:-सूर्य क्षेत्र पर विवाह रेखा:=
यदि किसी जातक के विवाह रेखा बढ़कर सूर्य तक पहुंचती हो तो ऐसे जातक बहुत ही सौभाग्यशाली होते हैं वह अपने जीवन में प्रतिष्ठा मान-सम्मान आदि प्राप्त करते हैं इनका विवाह प्रतिष्ठित परिवार में होता है धनी परिवार में होता तथा वहां से इन्हें धन धान्य की प्राप्ति होती है सम्माननीय परिवार में विवाह होने के कारण इन लोगों को बहुत  सम्मान प्राप्त होता है ।


:-विवाह रेखा पर क्रॉस का चिन्ह :=
यदि किसी जातक के हाथ में स्थित विवाह रेखा पर क्रॉस (x) का चिन्ह हो तो ऐसे जातक अपने जीवनसाथी की मृत्यु की सूचना प्राप्त करते हैं ।उनके जीवनसाथी की मृत्यु किसी दुर्घटना मैं होती है । यदि हस्त के अंदर अन्य चिन्ह शुभ हो जीवन रेखा सुंदर और स्पष्ट हो तो ऐसे जातकों की जान बच जाती है ।


:-बहु विवाह रेखा:-
              यदि किसी जातक के हाथ में एक से अधिक विवाह रेखाएं हो तो ऐसे जातकों के एक से अधिक विवाह अथवा प्रेम संबंध होने के संकेत होते हैं सामान्यतः एक विवाह रेखा को ही शुभ माना गया है ।

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:-जीवन रेखा शनि पर पहुंचे तो :=
यदि जीवन रेखा आगे बढ़कर शनि क्षेत्र पर पहुंचती हो तो यह जीवन रेखा अत्यंत अशुभ लक्षण प्रदान करती है, अशुभ फल प्रदान करती है ऐसे जातकों के जीवनसाथी को यातनाएं प्राप्त होती रहती हैं।  ऐसे जातक हत्या भी कर सकते हैं ,ऐसे जातक मानसिक परेशानी से भी जूझते रहते हैं ,तथा सूर्य पर्वत दबा हुआ हो तथा जीवन रेखा पर अशुभ चिन्ह हो तो ऐसे जातकों को मृत्युदंड भी प्राप्त हो सकता है ।
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Not= यदि दोनों ही हाथों में दो दो विवाह रेखाएं सुंदर और स्पष्ट हो तो ऐसे जा जातक  का विवाह निश्चय ही होता है ।

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